संवाददाता गोड्डा – नक़ीब जिया
महागमा प्रखंड क्षेत्र के हटिया मंदिर के पास स्थित एक किराना दुकान में बीती रात भीषण आग लगने से लाखों रुपये का नुकसान हो गया। यह दर्दनाक हादसा रात करीब 2 बजे हुआ, जब सभी लोग गहरी नींद में थे। आग लगने की सूचना मिलते ही इलाके में हड़कंप मच गया, और स्थानीय लोग मदद के लिए मौके पर पहुंचे। दुकानदार सरवन पोद्दार ने बताया कि रोज़ की तरह वे रात 9 बजे दुकान बंद करके घर लौट गए थे। सबकुछ सामान्य था, लेकिन आधी रात को एक फोन कॉल ने उनके होश उड़ा दिए। आसपास के लोगों ने बताया कि उनकी दुकान धू-धू कर जल रही है। यह सुनते ही वे घबराकर दौड़े-दौड़े दुकान की ओर भागे। जब वे मौके पर पहुंचे, तो देखा कि आग की लपटें तेज़ी से पूरे दुकान को अपनी चपेट में ले रही थीं आग की खबर सुनकर स्थानीय लोग तुरंत वहां इकट्ठा हो गए और आग बुझाने का प्रयास करने लगे। बाल्टियों से पानी डाला गया, लेकिन आग इतनी भीषण थी कि उस पर काबू पाना मुश्किल हो गया। इसी बीच किसी ने फायर ब्रिगेड को सूचना दी। लेकिन जब तक दमकल की गाड़ियां पहुंचती, तब तक दुकान में रखा सारा सामान जलकर खाक हो चुका था।
इस आगजनी में दुकानदार सरवन पोद्दार को भारी नुकसान हुआ। उनकी दुकान में राशन, तेल, दालें, चीनी, मसाले, बिस्कुट, और कई अन्य जरूरी सामान भरे हुए थे। इसके अलावा, गल्ले में रखी नकदी भी जलकर राख हो गई। शुरुआती अनुमान के मुताबिक, इस हादसे में करीब 5 से 7 लाख रुपये का नुकसान हुआ है। इस भीषण आग के पीछे का कारण अभी तक साफ नहीं हो पाया है। दुकानदार सरवन पोद्दार का कहना है कि उन्होंने दुकान बंद करने से पहले बिजली के सभी उपकरणों को सही से बंद कर दिया था। ऐसे में शॉर्ट सर्किट की संभावना कम है। कुछ स्थानीय लोगों का मानना है कि यह किसी की शरारत भी हो सकती है। पुलिस इस घटना की हर पहलू से जांच कर रही है।
घटना की सूचना मिलते ही महागमा थाना प्रभारी शिवदयाल सिंह अपनी टीम के साथ मौके पर पहुंचे। उन्होंने सबसे पहले हालात का जायजा लिया और जांच शुरू की। पुलिस ने दुकानदार और आसपास के लोगों से पूछताछ की।
इस हादसे से सरवन पोद्दार और उनका परिवार बुरी तरह टूट गया है। यह दुकान ही उनके घर की रोज़ी-रोटी का मुख्य साधन थी। दुकान में रखा सारा सामान जल जाने के बाद अब वे पूरी तरह बेसहारा हो गए हैं। उनके घर में मातम पसरा हुआ है, और परिवार के सदस्य सदमे में हैं। सरवन पोद्दार की आंखों में आंसू थे, जब उन्होंने कहा— “यह मेरी जिंदगी भर की कमाई थी। सब कुछ जलकर राख हो गया। अब मैं अपने परिवार का पालन-पोषण कैसे करूंगा?”इस दुखद घटना के बाद महागमा के स्थानीय लोगों ने प्रशासन से मदद की गुहार लगाई है। लोगों ने मांग की है कि सरकार इस घटना को संज्ञान में ले और सरवन पोद्दार को उचित मुआवजा दिया जाए, ताकि वे फिर से अपने पैरों पर खड़े हो सकें।
एक बड़ा सवाल – सुरक्षा के इंतज़ाम क्यों नहीं?यह घटना कई गंभीर सवाल खड़े करती है। आखिर इतनी बड़ी आग लगने के बावजूद दमकल विभाग को मौके पर पहुंचने में देरी क्यों हुई? अगर समय रहते आग पर काबू पा लिया जाता, तो शायद इतना बड़ा नुकसान नहीं होता। इसके अलावा, बाजारों में आग बुझाने के पुख्ता इंतज़ाम क्यों नहीं किए जाते? क्या प्रशासन इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए कोई ठोस कदम उठाएगा? ये सवाल सिर्फ सरवन पोद्दार के नहीं, बल्कि हर उस दुकानदार के हैं जो अपनी मेहनत की कमाई से अपना कारोबार चलाते हैं।
इस घटना के बाद प्रशासन हरकत में आ गया है। थाना प्रभारी शिवदयाल सिंह ने कहा है कि आग के कारणों की गहन जांच की जाएगी और अगर यह किसी की साजिश पाई गई, तो दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। दुकानदार सरवन पोद्दार को अब सरकार से मदद की उम्मीद है। उन्हें उम्मीद है कि प्रशासन उनके नुकसान की भरपाई के लिए कोई ठोस कदम उठाएगा। महागमा के इस हादसे ने कई परिवारों को झकझोर कर रख दिया है। सरवन पोद्दार के लिए यह सिर्फ एक दुकान नहीं थी, बल्कि उनकी ज़िंदगी की कमाई थी। प्रशासन को चाहिए कि वह जल्द से जल्द इस घटना की जांच करे और पीड़ित परिवार को उचित सहायता प्रदान करे। साथ ही, भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए ठोस कदम उठाए जाएं, ताकि किसी और व्यापारी को इस तरह की त्रासदी का सामना न करना पड़े।